गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान - UPCHAR VIEW

गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान

गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान

नमस्कार मेरे प्यारे दोस्तों, आज में आपको सर्दी के मौषम की बहुत ही भयानक बीमारी के बारे में बताने जा रहा हु उसका नाम है स्वाइन फ्लू - जी हां दोस्तों जैसा की नाम से ही स्पस्ट है की यह एक सुअर की बीमारी है जो आज धीरे - धीरे मानव जाती में फैलती जा रही है स्वाइन फ्लू की बीमारी एक से दूसरे मनुष्य में खांसते या छींकते समय मुख्य रूप से फैलती है यह एक विदेशी बीमारी है जो एक से दूसरे देशों में फैलती जा रही है यह इतनी खतरनाक बीमारी है जो कुछ समय बाद मनुस्य को मार तक देती है कुछ देशों के लोगो को इसकी जानकारी पूरी न होने कारण स्वाइन फ्लू बीमारी की चपेट में ज्यादा आते है और हजारों लोग इस बीमारी से सालाना मरते है जिन देशो में शिक्षा का आभाव है उन देशो में स्वाइन फ्लू होने का आंकड़ा ज्यादा देखने को मिलता है वैसे तो स्वाइन फ्लू ठंडे देशों में ज्यादा फैलता है लेकिन बलदते मौषम के अनुसार मुख्य रूप से सर्दी में स्वाइन फ्लू ज्यादा फैलता है स्वाइन फ्लू की मुख्य रूप से तीन स्टेज होती है जिससे स्वाइन फ्लू को अच्छी तरह से पहचाना जा सकता है चलये दोस्तों जानते है गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान।

गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान

गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान


स्वाइन फ्लू को पहचाने की तीन स्टेज

पहली स्टेज

  • सर्दी -जुकाम।
  • हल्का बुखार।
  • गले में खराश।
  •  पूरी बॉडी और सिर में दर्द।
  • उल्टी और दस्त।

दूसरी स्टेज

  • तेज बुखार।
  • गले में तेज दर्द।
  • उल्टी और दस्त।
  • बच्चे - बूढ़े - गरबवती महिलाये में ज्यादा असर। 
  • सर्दी - जुकाम।

तीसरी स्टेज

  • चक्कर आना।
  • बल्ड प्रेशर कम और ज्यादा होना।
  • ख़ासी के साथ बल्ड आना। 
  • भूख ना लगना।
  • चिड़चिड़ापन।
  • बॉडी और नाखून का रंग पीला होना।
  • बहुत तेज बुखार।
  • गले में बहुत तेज दर्द।
  • बहुत ज्यादा कफ़ निकलना।
  •  ख़ासी के साथ बलगम आना।
गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान

गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान

स्वाइन फ्लू कैसे फैलता है

स्वाइन फ्लू एक संक्रमक रोग है स्वाइन फ्लू ग्रषित व्यक्ति जब ख़ासता या छीकता है तो उसके मुँह से निकले कीटाणु आसपास के वातावरण में फ़ैल जाते है स्वस्थ व्यक्ति जब उस वातावरण में साँस लेता है तो स्वाइन फ्लू ग्रषित व्यक्ति के कीटाणु स्वस्थ व्यक्ति के अंदर प्रवेश करते है और उस व्यक्ति को संक्रमित कर देते है।

स्वाइन फ्लू से बचाव

  • मुँह पर मास्क का ज्यादा प्रयोग करे।
  • सर्दी -जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर को बताये।
  • सर्दी - जुकाम वाले व्यक्ति से दूर रहे।
  • स्वाइन फ्लू प्रभावित जगह से दूर रहे। 
  • बच्चे - बूढ़े - गरबवती महिलाये बचके रहे। 
  • दिन में दो बार काढ़ा पिये। 
  • टेमीफ्लू दवा का सेवन करे। 
  • हाथो को बार - बार साबुन से धोते रहे। 
  • भीड़ - भाड़ वाली जगह पर ना जाये। 
  • खुब नींद निकाले। 
  • खूब पानी पीये। 
  • फ्रुट खाये। 

स्वाइन फ्लू के लक्षण

  • सिर दर्द।
  • ख़ासी।
  • बुखार।
  • गले में खराश।
  • नाक से पानी बहना। 
  • दस्त और उल्टी।
  • भूख ना लगना। 
  • चिड़चिड़ापन। 
  • बल्ड प्रेशर कम होना। 
  • बेचैनी 
  • कार्य करते समय ज्यादा थकावट महसूस होना। 
  • ख़ासी के साथ बल्ड और बलगम आना।  
गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान

गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान


मेरे प्यारे दोस्तों में आप सबका दोस्त पंकज कुमावत - मेरी पोस्ट अगर आपको अच्छी लगी हो तो प्लीज लाइक और शेयर करें - हमने सिर्फ ज्ञानवर्धक जानकारी साझा की है। किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर ले। सदैव खुश रहे और फिट रहे। 


गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान गुलाबी सर्दी में रखें स्वाइन फ्लू का ध्यान Reviewed by pankaj kumawat on November 11, 2018 Rating: 5

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