टाइफाइड होने पर करे यह आयुर्वेदिक उपाय
नमस्कार मेरे प्यारे दोस्तों - आज में आपको टाइफाइड की बीमारी को दूर करने के बारे में आयुर्वेदिक उपचार बताने जा रहा हु - जी हां दोस्तों टाइफाइड को मोतीजरा और मियादी बुखार के नाम से जाना जाता है कुछ लोगो को टाइफाइड की पूरी जानकारी नहीं पर वह लोग बुखार की दवा का सेवन करते है टाइफाइड एक बेकटीरिया के जरिये मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है यह एक सालमोनेला टाइफी नामक बेकटीरिया से फैलता है यह बेकटीरिया मुख्य रूप से प्रदूषित पानी और प्रदूषित खाना खाने के कारण फैलता है यह बेकटीरिया केवल मनुष्य के शरीर में रहता है इसलिए यह मनुष्य दुवरा एक से दूसरे मनुष्य में फैलता है यह बेकटीरिया जानवरो के शरीर में प्रवेश नहीं करता है ज्यादातर यह बेकटीरिया गंदगी वाली जगह या नीचले स्थानों में पाया जाता है चलये दोस्तों जानते है टाइफाइड होने पर करे यह आयुर्वेदिक उपाय।
टाइफाइड होने के बाद ध्यान रखने योग्य बातें
- आप लोग टाइफाइड को कम करने के लिए पानी को गुनगुना करके पी सकते है अगर आप स्वच्छ पानी का सेवन कर रहे है तो आपको लग रहा है की पानी स्वच्छ है तो उस पानी का सेवन ना करे क्योकि उस पानी में टाइफाइड के कई बेकटीरिया मौजूद होते है।
- जब आप पेशाब के लिए जाते है हाथो को साफ तरीके से नहीं धोते है और उसी हाथ से खाना खा लेते है या दूसरा को खिलाते है तो ऐसे में आप दुसरो को भी टाइफाइड का संक्रमण कर रहे है।
- टाइफाइड से ग्रषित मानव में टाइफाइड के जीवाणु लम्बे समय तक मानव शरीर में जीवित रहते है टाइफाइड का लम्भा समय 6 महीने से 2 साल तक रहता है।
- खुले भोजन को खाने से टाइफाइड होने की ज्यादा सम्भावना रहती है खुले भोजन में मखियाँ ज्यादा बैठती है मखियाँ के दुवारा भी यह बेकटीरिया संक्रमण ज्यादा करता है।
- टाइफाइड में धीरे - धीरे बुखार आता है।
- टाइफाइड होने पर पेट में दर्द हो सकता है।
- टाइफाइड रहने पर आपको कब्ज रह सकती है।
- टाइफाइड होने के बाद अतिसार की समस्या हो सकती है।
- टाइफाइड होने पर आपके शरीर में पेट और पीट पर छोटे - छोटे दाने हो सकते है इसलिए इसे मोतीझरा कहते है।
- टाइफाइड होने के साथ आपको उल्टी और दस्त हो सकती है।
- टाइफाइड में आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है जिसकी वजह से हमारे शरीर में कमजोरी आना - ज्यादा प्यास लगना की समस्या हो सकती है।
- टाइफाइड ज्यादा होने से अल्सर की समस्या हो सकती है।
- टाइफाइड बहुत ज्यादा होने से या बहुत ज्यादा दिनों तक बने रहने से दिमागी बुखार का रूप धारण कर लेता है।
- टाइफाइड ज्यादा होने से किडनी प्रॉब्लम और मूत्राशय में संक्रमण हो सकता है बहुत से लोग शुरू - शुरू में टाइफाइड की जांच करवाने अस्पताल जाते है और रिपोर्ट नकारत्मक देखकर यह मान लेते है की हमें टाइफाइड नहीं है टाइफाइड की जांच सुरुवाती सात दिन तक नकारत्मक आती है साथ दिन बाद जांच करवाए तब सही रिपोर्ट का पता चलेगा।
- WIDAL BY CARD
- WIDAL BY SLIDE
- टाइफाइड की जांच 14 दिन से लेकर 21 दिन के बीच करवा सकते है।
- टाइफाइड के लिए आप लोग गिलोय ले सकते है।
- गिलोय सत्व ले सकते है।
- गोदन्ती मिश्रण ले सकते है।
- सुदर्शन चूर्ण ले सकते है।
- आनंद भैरव चूर्ण ले सकते है।
- महालक्ष्मी विलास रस ले सकते है।
- टाइफाइड होने पर लाइट खाना खा सकते है।
- टाइफाइड होने पर आप सभी तरह के फल खा सकते है।
- दूद और दूद से बने पर्दार्थ ले सकते है।
मेरे प्यारे दोस्तों में आप सबका दोस्त पंकज कुमावत - मेरी पोस्ट अगर आपको अच्छी लगी हो तो प्लीज लाइक और शेयर करें - हमने सिर्फ ज्ञानवर्धक जानकारी साझा की है। किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर ले। सदैव खुश रहे और फिट रहे।
टाइफाइड होने पर करे यह आयुर्वेदिक उपाय
Reviewed by pankaj kumawat
on
May 30, 2019
Rating:

No comments: